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निष्पक्ष पत्रकारिता के रक्षक विनोद दुआ के साथ एक युग का अन्त

श्रीमति पूष्पा चन्देरिया भोपाल 

भोपाल। वर्तमान परिवेश में भारत देश की पत्रकारिता के बदलते आयाम के बीच वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ निष्पक्ष पत्रकारिता के रक्षक उस युग के प़त्रकार थे जिन्होने सच को उजागर करने के लिये सत्ता से संघर्ष तक का ध्यैय रखा । परन्तू अपनी कलम को बिकने नही दिया वह भी ऐसे समय में जब बडे बडे मीडिया घराने से लेकर पत्रकारिता की अस्मिता को तार तार करने वाले तक अपनी कलम का सौदा कर चुके थे। ऐसे युग में श्री दुआ ने अपनी धारदार लेखनी के बल पर जनता जनार्दन को सच्चाई से रूबरू करवाया जब एक बहुत बडा तबका सरकार की चौखट पर मत्था टेकने को भी पत्रकारिता समझ रहा था।
          विगत कई दिनों से श्री विनोद दुआ के बिगडते स्वास्थ्य के मददेनजर अफवाहों का दौर गर्म था कि उन्होने दुनिया को अलविदा कह दिया परन्तू आज परमेश्वर ने उस महान पत्रकार को हमसे छीन ही लिया और इस प्रकार निष्पक्ष पत्रकारिता के रक्षक एक महान पत्रकार के रूप में एक युग का अन्त हो गया । और उनके निधन से हूई अपूर्णीय क्षति अनन्त काल तक हमें पीडा देगी।
वर‍िष्‍ठ पत्रकार विनोद दुआ का आज 67 साल की उम्र में निधन हो गया है। उनकी बेटी अभिनेत्री व कामेड‍ियन मल्लिका दुआ ने यह जानकारी दी है। उन्होंने यह भी बताया कि कल दिल्ली में लोधी कंसोर्टियम में उनका अंतिम संस्कार होगा। इस खबर से पूरे पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ उठी है। हिंदी पत्रकारिता के जाने माने चेहरे रहे श्री दुआ ने दूरदर्शन और एनडीटीवी समेत अन्य कई संस्थानों में काम किया। पिछले काफी दिनों से उनकी तबियत खराब थी। वे अपोलो अस्पताल में आईसीयू में भर्ती थे।
श्री दुआ को मिले सम्मान-
विनोद दुआ इलेक्ट्रानिक मीडिया के पहले पत्रकार रहे जो प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड से सम्मानित हुआ। साल 2008 में उन्हें भारत सरकार ने पत्रकारिता के लिए पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया था। मुंबई प्रेस क्लब ने साल 2017 में उन्हें रेडइंक पुरस्कार से सम्मानित किया था। यह सम्मान उन्हें पत्रकारिता में उनकी जीवन भर की उपलब्धि के लिए दिया गया था। महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें यह सम्मान दिया था।
दिल्ली के हंसराज कालेज से अंग्रेजी साहित्य में विनोद दुआ ने डिग्री के साथ.साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

आखिर क्या थी वो वजह जिसके चलते वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पर हुआ राजद्रोह का मुकदमा 

हिमाचल प्रदेश में शिमला के एक बीजेपी नेता ने दिल्‍ली दंगों पर आधारित विनोद दुआ के शो को लेकर उनपर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया था बीजेपी नेता ने अपनी शिकायत में दुआ पर झूठी खबरें फैलानेए लोगों को हिंसा के लिए उकसानेए विवादित कंटेंट प्रकाशित करने का आरोप लगाया था


पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी करने का लगा था आरोप

दुआ के खिलाफ उनके यूट्यूब कार्यक्रम के संबंध में छह मई को शिमला के कुमारसेन पुलिस स्टेशन में बीजेपी नेता श्याम ने  दर्ज कराई थी याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि दुआ ने अपने यूट्यूब कार्यक्रम विनोद दुआ शो में पीएम मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी जो सांप्रदायिक घृणा को भड़का सकते थे और जिससे अशांति और सांप्रदायिक वैमनस्य की स्थिति पैदा हो सकती थी

श्याम ने आरोप लगाया था कि दुआ ने अपने यूट्यूब शो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वोट पाने की खातिर मौत और आतंकी हमलों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था जिसके बाद विनोद दुआ ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और याचिका दाखिल करते हुए अपने खिलाफ दर्ज को रद्द करने की मांग की थी इतना ही नहीं दुआ ने इसके अलावा पत्रकारों के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मुकदमे की जांच के लिए एक समिति के गठन की भी अपील की थी


श्री विनोद दुआ की शिक्षा दीक्षा और परिवार 
 उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से साहित्य में मास्टर डिग्री हासिल की। एनडीटीवी का शो जायका इंडिया को काफी पसंद किया जाताए जिसे वो होस्ट करते थे। बता दें कि देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान विनोद दुआ और उनकी पत्नी पद्मावती चिन्ना दुआ कोरोना से संक्रमित हो गए थे। इस दौरान दोनों की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। उनकी पत्नी का 12 जून को निधन हो गया था। विनोद दुआ की हालत तभी से खराब थी। बीते दिनों उनकी मौत की फेक न्यूज भी आई थी जिसका उनकी बेटी ने खंडन किया था। विनोद दुआ की एक और बेटी बकुल दुआ हैं जो पेशे से मनोवैज्ञानिक हैं।

प्रेस  क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स  के संस्थापक अध्ययक्ष  सैयद खालिद कैस  ने महान पत्रकार  श्री विनोद दुआ के निधन पर शौक व्यक्त करते हूए  कहा कि  निष्पक्ष पत्रकारिता के रक्षक एक महान पत्रकार के रूप में एक युग का अन्त हो गया । और उनके निधन से हूई अपूर्णीय क्षति अनन्त काल तक हमें पीडा देगी।

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